ये कुंड कितना गहरा है वैज्ञानिक भी नहीं बता पाए

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भोपाल। टीएलआई

यह गदा से बनाया गया कुंड क्यों लगता है। आखिर क्यों इस कुंड का पानी भी गंगाजल की तरह शुद्ध और पवित्र क्यों लगता है। आखिर प्राकृतिक आपदा आने की आहट पर ही इसका जलस्तर क्यों बढ़ता है। इस कुंड का जलस्रोत क्या है? आखिर इस कुंड की गहराई कितनी है। ये वह सवाल है जो इस कुंड को रहस्यमयी बनाते हैं। यही नहीं इन रहस्यों को आमजन से लेकर वैज्ञानिक और डिस्कवरी चैनलों के खोजी पत्रकार भी पता नहीं लगा सके। आखिर क्या है इस कुंड का राज?
जब हम किसी रहस्य को खोल नहीं देते हैं जहां हमारी वैज्ञानिक विधि भी बेकार हो जाती है तो आस्था की शुरुआत होती है। आस्था से ही अंधविश्वास जन्म लेती है। लेकिन सवाल का जवाब नहीं मिलेगा तो कुछ तो कहेंगे। कुछ ऐसी ही बात है इस रहस्यमयी कुंड की। यह पहली चीज नहीं है, दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं, जो अभी तक रहस्य ही बने हुए हैं। यदि इस रहस्यमयी कुंड के बारे में कहें तो यह इसके बारे में कहा जाता है कि कुंड की गहराई का पता आज तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए हैं। जी हां इस कुंड का नाम हैभीम कुंड। यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बाजना गांव में है। मान्यता है कि इस कुंड का भीम ने बनाया था। मान्यता के अनुसार महाभारत काल में जब पांडव अज्ञातवास पर थे और इधर-उधर भटक रहे थे, तो उन्हें बहुत जोर की प्यास लगी, लेकिन उन्हें कहीं भी पानी नहीं मिला। तब भीम ने अपनी गदा से जमीन पर मारकर यह कुंड बनाया और अपनी प्यास बुझायी। कहते हैं कि 40-80 मीटर चौड़ा यह कुंड देखने में बिल्कुल एक गदा के जैसा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह कुंड देखने में तो बिल्कुल साधारण सा लगता है, लेकिन इसकी खासियत आपको हैरान कर देगी। इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि जब भी एशियाई महाद्वीप में कोई प्राकृतिक आपका (बाढ़, तूफान, सुनामी) घटने वाली होती है तो इस कुंड का जलस्तर बढ़ने लगता है। इतना ही नहीं इस रहस्यमयी कुंड की गहराई पता करने की कोशिश स्थानीय प्रशासन से लेकर विदेशी वैज्ञानिक और डिस्कवरी चैनल तक ने की है, लेकिन सबको निराशा ही हाथ लगी है। कहा जाता है कि एक बार विदेशी वैज्ञानिकों ने कुंड की गहराई पता करने के लिए 200 मीटर पानी के अंदर तक कैमरा भेजा था, लेकिन फिर भी गहराई पता नहीं चल सकी। यह भी कहा जाता है कि इसका पानी गंगा की तरह बिल्कुल पवित्र है और यह कभी खराब नहीं होता, जबकि आमतौर पर ठहरा हुआ पानी धीरे-धीरे खराब होने लगता है। इन सवालों का जवाब नहीं मिलने से इसके प्रति लोगों की आस्था तो बढ़ ही गई है। वहीं यह रहस्यमयी भी बना हुआ है।

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