अहमदाबाद विमान हादसे में 265 से ज्यादा लोगों की मौत

दिल्ली दिल्ली लाइव देश मुख्य समाचार राज्य

नई दिल्ली। अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लंदन जा रहे इस विमान में विमान में 12 क्रू सदस्यों के साथ कुल 242 लोग सवार थे। हादसे में करीब 265 लोगों की मौत होने की सूचना है। मृतकों में कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जो घटनास्थल पर थे। हादसे में ब्रिटिश नागरिक एक यात्री जीवित बचा है। मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी शामिल हैं। हालांकि मौतों के आंकड़ों को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अहमदाबाद एयरपोर्ट से एयर इंडिया का विमान एआई-171 बोइंग-787-8 ड्रीमलाइनर लंदन के लिए उड़ान भरने के दो मिनट बाद ही सरकारी बीजे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर छात्रावास से टकरा गया। इससे एमबीबीएस के कम से कम पांच छात्रों, एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर और एक सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक मेडिकल छात्र घायल हो गए। अखिल भारतीय चिकित्सा संघ (एफएआईएमए) ने यह जानकारी दी। देर रात तक 265 शव सिविल अस्पताल पहुंचाए गए। जानकारी के अनुसार विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और कनाडा के एक नागरिक के साथ 12 क्रू सदस्य सवार थे। केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के मौत की पुष्टि की। रुपाणी बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। एयर इंडिया के अनुसार विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दोपहर करीब एक बजकर 38 मिनट पर लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रनवे संख्या 23 से उड़ा। दो मिनट बाद ही विमान एयरपोर्ट के पास मेघानीनगर स्थित आवासीय क्षेत्र में एक घर से टकरा गया। घटना के वक्त विमान जमीन से 625 फीट की ऊंचाई पर था। हादसे की खबर लगते ही एयरपोर्ट का संचालन रोक दिया गया। हालांकि घटना के बाद अहमदाबाद पहुंचने वाले वीवीआईपी और जांच टीम के लिए एयरपोर्ट का संचालन जारी है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि केंद्र सरकार विमान सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करेगी। नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बयान जारी कर बताया कि हादसे से पहले पायलट ने अहमदाबाद के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) को मे-डे कॉल दिया था। इसके बाद एटीसी ने विमान को कई निर्देश दिए जिसका कोई जवाब नहीं मिला। विमानन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया गया है कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का हादसे का शिकार होना इस मॉडल की यह पहली घटना है। टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने कहा कि एयर इंडिया विमान हादसे से हम बहुत दुखी हैं। इस समय हम जो दुख महसूस कर रहे हैं,उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और जो घायल हुए हैं। टाटा समूह इस त्रासदी में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवारों को एक करोड़ की सहायता राशि देगा। घायलों के इलाज का खर्च वहन करने के साथ मेडिकल छात्रावास का निर्माण भी करेंगे। हादसे की सूचना मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू अहमदाबाद पहुंच। दोनों नेताओं ने घटनास्थल का मुआयना किया।

हादसे के बाद मौके पर पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह।

प्रधानमंत्री ने नायडू को पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद मुहैया करने के लिए निर्देश दिया है। साथ ही पल-पल की जानकारी साझा करने की बात कही है। हादसे के वक्त नायडू विजयवाड़ा में थे। हादसे की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के महानिदेशक, जांच निदेशक और सरकार की टीम अहमदाबाद पहुंच गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत आने वाला ये ब्यूरो विमानों के सुरक्षा मानदंडों के लिए जिम्मेदार है। भारतीय वायु क्षेत्र में रहने के दौरान विमान हादसे का शिकार होता है तो यही जांच करता है। ब्यूरो विमान सुरक्षा सुधार के लिए सलाह भी देता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर के बाद विमान आग का गोला बन गया और चंद सेकंड बाद ही पूरा इलाका धुआं-धुआं हो गया। घटना की सूचना के बाद एनडीआरएफ की छह और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की दो टीमें राहत और बचाव कार्य के लिए पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य का मोर्चा सबसे पहले एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ की टुकड़ी ने संभाला। सीआईएसएफ के 150 जवानों को भी तैनात किया है। हादसे के प्रत्यक्षदर्शी जयेश पटेल ने बताया कि जब विमान हादसा हुआ तब मैं घटनास्थल से महज 500 से 600 मीटर दूर था। बहुत तेज धमाका हुआ और आग की ऊंची लपटें उठने के बाद पूरा इलाका धुएं से भर गया। मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। धमाके की आवाज सुन लोग घर के बाहर निकल गए। हर कोई घटना स्थल की तरफ दौड़ा। वहां जो मंजर था वो बहुत भयावह था। डीजीसीए ने बताया कैप्टन सुमित सभरवाल विमान को फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के साथ कमांड कर रहे थे। कैप्टन सुमित को 8200 घंटों का उड़ान का अनुभ्व था। वहीं को-पायलट के 1100 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव था। विमान में दो पायलटों के साथ 10 क्रू सदस्य सवार थे। डीजीसीए दोनों पायलटों से जुड़ी और जानकारी जुटाने में जुटा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *