विदशों में दमदार भारतीय चेहरा हैं प्रवासी

इलाहाबाद उत्तरप्रदेश लाइव मुख्य समाचार लखनऊ वाराणसी

वाराणसी। पुष्पांजलि पाठक

देश के बहार भारत का चेहरा है प्रवासी भारतीय। इसलिए हर प्रवासी भारतीय के साथ सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रिश्ता बना रहना बेहद जरूरी है। यह कहना है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र में राष्ट्रपति ने तीन अलग-अलग देशों के भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था जब भारत ब्रेनड्रेन की समस्या से जूझ रहा था। आज वह ब्रेनगेन की स्थिति में आ पहुंचा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि भारत के बाहर अपना मान सम्मान और कद बढ़ाने के लिए आपने जो संघर्ष यात्राएं की हैं, अब उनके परिणाम सामने आने लगे हैं।
जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति बुधवार को बड़ा लालपुर स्टेडियम में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया। इस मौके पर राष्ट्रपति ने तीन अलग-अलग देशों के भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा। सत्र को संबोधित करने हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत व्यापक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। मैं चाहता हूं कि भारत के नवनिर्माण की कहानी में प्रवासी भारतीयों का भी महत्वपूर्ण किरदार हो। ऐसे में यह प्रवासी सम्मान अपार संभावनाओं का द्वार खोलने में कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, सेहत, समाज, खेल, पर्यटन, विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, कृषि अदि सभी क्षेत्र जारी व्यापक परिवर्तन भारत को दुनिया में सुपर पावर के रूप में स्थापित करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि बनारस में प्रवासी भारतीय सम्मेलन होना अपने आप में इसकी बड़ी विशिष्टता है। सम्मेलन के बहाने न सिर्फ उन्हें दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता के दर्शन का अवसर मिला है बल्कि वे दुनिया के सबसे दुर्लभ आयोजन कुंभ का भी हिस्सा बनेंगे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने दुनिया भर में फैले भारतीयों को संदेश दिया कि भविष्य में उनका भारत आना और रहना, भारत के साथ मिलजुल कर काम करना बेहद आसान होने वाला है। इसके लिए विदेश मंत्रालय ने पारदर्शी कार्ययोजना तैयार की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *