लॉकडाउन से पर्यावरण को मिली संजीवनी, पटना अब नहीं रहा डेंजर

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लखनऊ। राजेन्द्र तिवारी
कोराना वायरस और लॉकडाउन ने जहां लोगों को घरों में कैद कर दिया वहीं पर्यावरण को राहत दे दी है। दिल्ली, लखनऊ, पटना समेत देश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण की भारी कमी आई है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपक्रम किए लेकिन उनका सारा काम लॉकडाउन ने एक झटके में पूरा कर दिया। वहीं पटना प्रदूषण के कारण डेंजर जोन में चला गया था लेकिन अब यह भी ग्रीन जोन में आ गया है। कुछ यही हाल लखनऊ, वाराणसी समेत अन्य शहरों का भी है।

केन्द्रीय प्रदूषण की रिपोर्ट के अनुसार 20 अप्रैल से हवा स्वच्छ हुई है, जिससे प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से लोगों को राहत मिली है।
22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद से ही वातावरण स्वच्छ हो रहा है, इसका खुलासा केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड की ओर से जारी राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को देश के 80 फीसदी हिस्सों में प्रदूषण की भारी कमी है। पटना, वाराणसी, लखनऊ समेत कई इलाके जो डेंजर जोन में थे वह ग्रीमन जोन में आ गए हैं। बात बिहार की करें तो पटना के गांधी मैदान, बेली रोड, बोरिंग रोड, डाकबंगला चौराहा, आयकर गोलंबर, ईको पार्क समे कई क्षेत्र अब ग्रीन जोन में आ चुके हैं। वहीं मुजफ्फरपुर में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक अधिकतम 500 तक थी लेकिन 20 अप्रैल को सूचकांक 79 तक आ गया है। हालांकि गया शहर फिलहाल ग्रीन जोन में नहीं है लेकिन यहां भी लॉकडाउन का असर साफ दिखा है। गया का गुणवत्ता सूचकांक घटकर 148 पहुंच गया है जो कि एक महीना पहले यहां अधिकतम 400 के करीब रहता था। राज्य प्रदूषण विभाग के अनुसार सड़कों पर वाहन नहीं चलने, ईंट भट्ठे बंद होने से पर्यावरण को लाभ पहुंचा है। साथ ही सड़कों के किनारे कोयले और लकड़ी से छोटी-बड़ी दुकान और ढाबा बंद होने से भी प्रदूषण कम हुआ है। वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर पहुंचा है।

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