केदारनाथ में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र को तीर्थ पुरोहितों ने दर्शन से रोका

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देहरादून। अनीता रावत
देवस्थानम बोर्ड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को केदारनाथ में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। तीर्थपुरोहितों ने काले झंडे दिखाने के साथ ही त्रिवेंद्र के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध-प्रदर्शन के चलते त्रिवेंद्र रावत को केदारनाथ के दर्शन किए बगैर वापस लौटना पड़ा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मंत्री डा. धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का भी घेराव किया।
केदारनाथ के दर्शन के लिए सोमवार सुबह आठ बजे जैसे ही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र केदारनाथ हेलीपैड पर पहुंचे, तीर्थपुरोहितों ने सरस्वती पुल उन्हें आगे बढ़ने से रोककर नारेबाजी शुरू कर दी। आगे बढ़ने के लिए वह तीन घंटे तक इंतजार करते रहे, लेकिन पुरोहित नहीं माने। इसके बाद वह सुरक्षा के बीच जीएमवीएन गेस्ट हाउस में चले गए। दोपहर बाद मौसम खुलने के बाद वह केदारनाथ से लौट गए। त्रिवेंद्र रावत ने ही चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था। त्रिवेंद्र रावत के बाद सुबह साढ़े नौ बजे केदारनाथ पहुंचे कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को पुरोहितों ने मंदिर परिसर में घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान कुछ लोगों ने धन सिंह रावत के कपड़ों में भी हाथ डाल दिया। इसके बाद मंत्री डा. धन सिंह और मदन कौशिक ने बाबा केदार के दर्शन किए। देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के व्यापारिक प्रतिष्ठान सोमवार को पूरी तरह बंद रहे। गंगा और यमुना घाटों पर श्रद्धालुओं की पूजा पाठ का भी बहिष्कार किया गया। पुरोहितों के आंदोलन के कारण श्रद्धालुओं को परेशानियां उठानी पड़ी। यहां पुरोहितों ने पूजा-पाठ का काम भी नहीं किया। जिससे श्रद्धालु तटों पर विधिवत पूजा-पाठ नहीं करवा पाए। तीर्थ पुरोहितों ने पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के श्री केदारनाथ धाम दौरे के विरोध का ऐलान किया है। इसके साथ ही प्रदेश भर में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। तीर्थ पुरोहितों ने उच्च स्तरीय समिति में तीर्थ पुरोहितों को शामिल न किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि, भाजपा पृष्ठभूमि के लोगों को समिति में शामिल किया गया है। पुरोहितों की महापंचायत ने तीन नवंबर को केदारनाथ कूच का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री मोदी के केदारनाथ आगमन से पहले तीर्थ पुरोहितों के तीखे तेवरों से सरकार सकते में आ गई है। समझा जा रहा है कि, सरकार इस मामले में मोदी के दौरे से पहले कोई फैसला ले सकती है। मोदी के दौरे को लेकर दिल्ली में हो रही बैठक में शामिल होने जा रहे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी मामले को हाईकमान के सामने उठा सकते हैं।

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