शिक्षा मिले तो विकास का रास्ता खुलता है : राष्ट्रपति

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लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं। पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस लड़ाई में हजारों सेनानियों ने सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। अनेक बलिदानियों के नाम हम जानते हैं लेकिन बहुतों के नाम इतिहास के पन्नों से गुम हो गए। ऐसे गुमनाम शहीदों की वीरगाथा भावी पीढ़ी तक पहुंचानी होगी।
बुधवार को मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित चौ. हरमोहन सिंह पैरामेडिकल एवं नर्सिंग इंस्टीट्यूट परिसर में आयोजित पूर्व सांसद हरमोहन सिंह के जन्म शताब्दी समारोह में पहुंचे कोविंद ने कहा कि दो साल तक चलने वाले महोत्सव के दौरान हम स्वाधीनता संग्राम के इन गुमनाम सेनानियों का भी स्मरण करेंगे। भारत के स्वाधीनता संग्राम में हम जानते हैं कि कानपुर के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इससे पहले चकेरी एयरफोर्स स्टेशन पर विमान से उतरने के बाद राष्ट्रपति का राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिनंदन किया। सीएम स्वागत के बाद लखनऊ लौट गए और राज्यपाल कोविंद के साथ कार्यक्रम में शिरकत करने चली गईं। राष्ट्रपति ने कहा कि 1857 के स्वाधीनता संग्राम का नेतृत्व करने वाले नानाजी पेशवा, तात्याटोपे और अजीम उल्ला खान की वीरगाथा आपने सुनी होगी। अजीजन बाई और मैनावती जैसों के योगदान से लोग अच्छी तरह से परिचित नहीं है। हमारी वर्तमान और भावी पीढियों के समक्ष स्वाधीनता संग्राम की इन वीरांगनाओं के त्याग और बलिदान की गाथा रखी जानी चाहिए। चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह का नगर के साथ जुड़ाव को बहुत लोग जानते हैं। उनके अभिन्न सहयोगी रहे जयदेव कपूर, शिव वर्मा के बारे में कम जानते हैं। वे यहीं डीएवी कॉलेज में पढ़ते थे। विजय कुमार और डॉ. गया प्रसाद के बारे में भी कम जानते हैं। राष्ट्रपति ने कहा-किसी भी राष्ट्र के भविष्य की नींव अतीत के अनुभव और पूर्वजों के विरासत की मजबूती प्राप्त करती है। एक सुदृढ़, यशश्वी और विकसित भारत के निर्माण में हम सब की सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए। हमें मिलजुलकर प्रयास करने चाहिए। हमारे देश का हर हाथ देश की उन्नति में उठना चाहिए। अपने गांव-समाज और देश की प्रगति तथा किसान-मजदूर, गरीबों के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हरमोहन सिंह की स्मृति में संजोए रखने का सबसे अच्छा तरीका यही होगा। हम सब भी राष्ट्र निर्माण के लिए अपने देशवासियों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ें।

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