उत्तराखंड की सियासत में फिर परिवारवाद

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देहरादून। अनीता रावत
उत्तराखंड की राजनीति में परिवारवाद वाली राजनीति पर कांग्रेस और भाजपा दोनों को पूरा भरोसा है। यहां पर दोनों ने समान रूप से परिवारवाद को बढ़ावा दिया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी कई ऐसी सीटें हैं जहां पर परिवार के किसी न किसी सदस्य को उम्मीदवार बनाया गया है। दो पूर्व मुख्यमंत्री की बेटियां भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। एक तरफ हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को कांग्रेस ने इस बार हरिद्वार ( ग्रामीण) सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने भी पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी को कोटद्वार से उम्मीदवार बना दिया है। ये वहीं सीट है जहां से 2012 के विधानसभा चुनाव में खुद बीसी खंडूरी हार गए थे। हरीश रावत भी 2017 के चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण वाली सीट गंवा बैठे थे। ऐसे में 2022 के चुनाव में दो बेटियां अपने पिता की हार का बदला लेने के लिए तैयार हैं।
हाल ही में भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं को कांग्रेस ने लैंसडाउन से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। ये अलग बात है कि इस बार हरक सिंह रावत को अभी तक पार्टी ने किसी भी सीट से उम्मीदवार नहीं बनाया है। हरक सिंह रावत की बहू का मुकाबला इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार दिलीप सिंह रावत से होने जा रहा है। दिलीप खुद परिवारवाद का एक बड़ा उदाहरण हैं क्योंकि उनके पिता भारत सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़े और सक्रिय चेहरे रहे थे। वे पांच बार लैंसडाउन से विधायक रहे थे। अब भाजपा ने उनके बेटे को टिकट देकर बड़ा दांव चल दिया है। कांग्रेस की दिग्गज नेता मानी जानी वाली इंदिरा हृदयेश की परंपरागत सीट हल्द्वानी से पार्टी ने इस बार उनके बेटे सुमित हृदयेश को मौका दे दिया है। पिछले साल ही उनकी मां का निधन हो गया था। अब कांग्रेस को उम्मीद है कि इंदिरा हृदयेश की लोकप्रियता का फायदा चुनाव में उनके बेटे को भी मिल सकता है। भाजपा ने भी देहरादून कैंट सीट पर सविता कपूर को अपना उम्मीदवार बनाया है। सविता भाजपा के दिग्गज नेता हरबंस कपूर की पत्नी हैं। हरबंस रिकॉर्ड आठ बार देहरादून कैंट से विधायक रहे हैं। लेकिन अब उनका निधन हो चुका है। भाजपा ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे सौरव बहुगुणा को भी सितारगंज से टिकट दिया है। 2017 में भी सौरव ने इस सीट से भाजपा को जीत दिलवा दी थी। वहीं कांग्रेस ने भी नैनीताल सीट से यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य को चुनावी मैदान में उतारा है। काशीपुर सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलने वाला है क्योंकि यहां से भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक हरभजन सिंह चीमा की जगह उनके बेटे त्रिलोक चीमा को मौका दे दिया।

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