आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सुविधाएं जल्द होंगी बहाल : धामी

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देहरादून। अनीता राव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य सरकार आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों के पुनर्वास को लेकर गंभीर है। जो परिवार अति संवेदनशील श्रेणी में हैं, सरकार उनका पुनर्वास करने जा रही है। जबकि अन्य संवेदनशील गांवों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार केंद्र से विशेष पैकेज के लिए नए सिरे से पैरवी करने जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मंगलवार को हिन्दुस्तान को यह जानकारी दी। राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड में लगभग 153 गांव आपदा के मद्देनजर अति संवेदनशील थे। इन गांवों की संख्या अब लगभग 500 पहुंच चुकी है। इन गांवों के पुनर्वास का प्रस्ताव लंबे समय से केंद्र में अटका है। सीएम धामी ने कहा कि भाजपा पिछले साढ़े चार साल के भीतर 83 गांवों के 1400 परिवारों को शिफ्ट कर चुकी है। इसमें 63 करोड़ खर्च हुआ है, जबकि कांग्रेस सरकार ने कुछ ही परिवारों का पुनर्वास किया था। आपदा के कारण जिन क्षेत्रों में सड़क, पानी, बिजली और संचार ठप हुआ है, उन्हें बहाल करने के लिए पूरा तंत्र जुटा है।


धामी ने कहा कि सरकार ने उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन शोध संस्थान खोलने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। इसके खुलने के बाद राज्य में ग्लेशियर टूटने, बादल फटने, भूस्खलन और वनाग्नि आदि के पूर्वानुमान और उससे होने वाले नुकसान को कम से कम करने में मदद मिल सकेगी। जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र से प्रतिपूर्ति के रूप में मिल रहे लगभग पांच हजार करोड़ राज्य को अक्तूबर, 22 से मिलने बंद हो जाएंगे। धामी का मानना है कि उत्तराखंड में प्रोडक्शन तो होता है लेकिन इसका लाभ नहीं मिल पाता। ऐसे में राज्य सरकार फिर से केंद्र से जीएसटी प्रतिपूर्ति अवधि बढ़ाने की गुजारिश करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि भाजपा सरकार के साढ़े चार साल से अधिक के कार्यकाल में प्रदेश में चहुंमुखी विकास हुआ है। सरकार अंतिम सीढ़ी पर खड़े व्यक्ति के विकास को कटिबद्ध है। सरकार की इन्हीं उपलब्धियों को लेकर पार्टी चुनाव में जाएगी। उन्होंने कहा कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, सिर्फ संक्रमण कम हुआ है। उन्होंने त्योहारी सीजन में राज्यवासियों से कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से अनुपालन करने की अपील की है।

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