ईवीएम को फुटबॉल न बनाएं, जीते तो सही, हारे तो गड़बड़ी

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पटना। राजेन्द्र तिवारी

ईवीएम को फुटबॉल न बनाएं, जीत गए तो सही हार गए तो गड़बड़ी। यह रवैया बिल्कुल गलत है। यह बात मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने पटना में कही। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव संभव नहीं है।

आयुक्त अरोड़ा ने कहा कि टेंपरिंग और मालफंक्शनिंग में फर्क है। टेंपरिंग एक साजिश है जिसके तहत मशीन में छेड़छाड़ की जाती है जबकि मालफंक्शनिंग तकनीकी खाद्य खराबी को कहते हैं। उन्होंने दावा किया कि ईवीएम में छेड़छाड़ संभव नहीं है। हां सिस्टम किसी एक व्यक्ति के हाथ में नहीं होता है। उन्होंने कहा कि ईवीएम उत्पादन, स्थानांतरण, भंडारण, मतदान और मतगणना की प्रक्रिया बाहरी हस्तक्षेप से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि सभी बूथों पर ईवीएम को वीवीपैट से जोड़ा जाएगा। अरोड़ा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार राज्य के सभी बूथों पर ईवीएम को वीवीपैट से जोड़ा जाएगा। यह पहली बार है, जब प्रदेश के सभी बूथों पर वीवीपैट इस्तेमाल किए जाएंगे। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान हर जिले के एक-एक विधानसभा में वीवीपैट का इस्तेमाल हुआ था। अरोड़ा ने बताया कि तीन साल से ज्यादा समय से फील्ड में तैनात अफसरों का तबादला करने का निर्देश दिया गया है। अरोड़ा ने मुख्य सचिव, डीजीपी और गृह सचिव को अवैध शराब के नेक्सस को खत्म करने को कहा है। सीईसी ने कहा कि राजनीतिक दलों के व्यावहारिक सुझावों पर अमल करेंगे। सूबे के सात-आठ जिलों में पैसा का इस्तेमाल ज्यादा, विशेष निगरानी रखेंगे। सभी डीएम को पिछले चुनाव के वक्त दर्ज हुए आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे का आदेश दिया। चुनाव से पहले सी -विजिल एप लांच होगा। लोग आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकेंगे। इस एप पर दो मिनट लंबा वीडियो और फोटो अपलोड किया जा सकेगा। एप जीआईएस से घटनास्थल की पहचान करेगा और कार्रवाई होगी। कर्नाटक चुनाव में पहली बार इसे लांच किया गया था। वोटरों को वोटर लिस्ट की जानकारी देने के लिए आयोग का हेल्पलाइन नंबर काम करने लगा है। 1950 पर एसएमएस भेजकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। वोटर लिस्ट से नाम काटने से पहले घर-घर जाकर सत्यापन होगा। प्रक्रिया की देखरेख की जिम्मेवारी डीएम को सौंपी गई है।

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