दिल्ली पुलिस रिश्वत मांगती रहीं और घायल तड़पकर मर गई

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नई दिल्ली। नीलू सिंह
दिल्ली में रविवार देर रात घायल का इलाज कराने की बजाय पुलिसकर्मी उसके परिवार से रिश्वत मांगते रहे। इस बीच घायल ने दम तोड़ दिया। मामले में दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल, गीता कॉलोनी पुश्ता पर चेकिंग के दौरान एक टेंपो की टक्कर से बेरिकेट गिर गया था। इसके बाद वहां से भागने के प्रयास में टेंपो एक कार से भिड़ गया। हादसे में टेंपो चालक धर्मेन्द्र और हेल्पर चंदन गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिसकर्मियों ने पीछा कर घायलों को पकड़ लिया और मुकदमा दर्ज करने की धमकी देकर उनके परिजनों से रिश्वत मांगने लगे। तीन घंटे के बाद परिजन रिश्वत देकर घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने धर्मेन्द्र को मृत घोषित कर दिया। परिजनों की शिकायत पर आला अधिकारियों ने दोनों पुलिसकर्मियों नवल सिंह और प्रभु यादव को निलंबित कर दिया। पुलिस के अनुसार, धर्मेन्द्र आजादपुर इलाके में रहता था। वह मंडी में टेंपो चलाता था। रविवार रात वह सब्जी उतारने के लिए ओखला मंडी गया था। उसके साथ हेल्पर चंदन भी था। मंडी से घर लौटते समय गीता कॉलोनी पुश्ते पर कोतवाली थाना पुलिस बेरिकेड लगाकर चेकिंग कर रही थी। इस दौरान धर्मेन्द्र का टेंपो बेरिकेड से टकरा गया। इससे वह घबरा गया और उसने टेंपो की रफ्तार बढ़ा दी। इस पर वहां तैनात पुलिसकर्मी नवल सिंह और प्रभु यादव टेंपो के पीछे लग गए।पुलिसकर्मियों को पीछे आता देख धर्मेन्द्र ने टेंपो की रफ्तार और बढ़ा दी। इस दौरान टेंपो एक कार से टकराकर पलट गया। धर्मेन्द और चंदन दोनों टेंपो में ही फंस गए। पीछा कर रहे पुलिसकर्मियों ने घायलों को टेंपो से निकाला और उनके परिजनों को वहां बुला लिया। केस दर्ज करने की धमकी देकर रिश्वत मांगी : हादसे की सूचना के बाद पहुंचे घायलों के परिजनों ने उन्हें अस्ताल ले जाने को कहा। मगर पुलिसकर्मियों ने कहा कि ये बेरिकेड तोड़कर भागे हैं। इन पर मामला दर्ज किया जाएगा। मुकदमे का डर दिखाकर उन्होंने परिजनों से दस हजार मांगे। परिजन किसी तरह 2300 रुपये देकर धर्मेन्द्र और चंदर को पुलिस से छुड़ाकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने धर्मेन्द्र को मृत घोषित कर दिया।

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