उत्तराखंड में चीन सीमा को जोड़ने वाली पुल का निर्माण अंतिम चरण में

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हल्द्वानी। अनीता रावत
117 दिनों से बंद भारत-चीन सीमा के साथ ही दारमा, व्यास व चौदास घाटी को जोड़ने वाली प्रमुख सड़क के जल्द खुलने की उम्मीद है। इस सड़क पर आवाजाही के लिए जरूरी पुल का निर्माण अंतिम चरण में है। इसके बनने के बाद ही सड़क पर आवाजाही संभव है।
बीते 17 जून को भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सोबला-दर-तिदांग सड़क आपदा की भेंट चढ़ गई थी। कई जगह सड़क का नामोनिशान मिट गया है। साथ ही इस सड़क पर आवाजाही के लिए बेहद जरूरी कनज्योति बेली ब्रिज पूरी तरह से टूट गया था। सड़क निर्माण की कार्यदाई संस्था बीआरओ और सीपीडब्लूडी ने सड़क निर्माण का कार्य लगभग पूरा कर लिया है। बीआरओ की तरफ से कनज्योति पुल तैयार किया जा रहा है, जिसका निर्माण अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि अब दो -चार दिन में सड़क खुल जाएगी। बताया जा रहा है कि प्रमुख सड़क के लंबे समय से बंद रहने से तीनों घाटियों के लोग दुश्वारियां झेल रहे हैं। समाजिक कार्यकर्ता हरेंद्र दानू ने बताया कि करीब चार माह होने को हैं। मोटर मार्ग पर पुल नहीं होने से 25 से अधिक गांवों में खाद्यान्न और अन्य जरूरी सामान की किल्लत हो गई है। बीमारों को अस्पताल पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। अब पुल बनने से जल्द सड़क पर आवाजाही की उम्मीद है। गौरतलब है कि यह इतिहास में पहली बार है जब चीन सीमा को जोड़ने वाली प्रमुख सड़क 100 से अधिक दिनों तक बंद रही है। इतने लंबे समय तक सड़क बंद रहने से प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के ब्लॉक महासचिव रामू रोकाया ने कहा कि बंद सड़क को खोलने का काम बेहद धीमी गति से किया जा रहा है, जो प्रशासन की विफलता को दर्शाता है। इससे पहले धारचूला के विधायक हरीश धामी भी सीएम को पत्र भेजकर इस सड़क को जल्द खोलने की मांग कर चुके हैं।

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