कोरोना मरीजों में खून के थक्के एंटीबॉडी से भी जमना संभव

अंतरराष्ट्रीय

लंदन।
कोरोना मरीजों के शरीर में सूजन आना और खून के थक्के जमने के पीछे एंटीबॉडी भी एक कारण हो सकता है। यह दावा ब्लड जर्नल में प्राकशित एक शोध में किया गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि एंटीबॉडी से फेफड़ों में प्लेटलेट्स गतिविधियां ज्यादा होने लगती हैं।
शोध के अनुसार कोरोना से बचाव के लिए शरीर में बने एंटीबॉडी प्लेटलेट्स के बढ़े हुए कार्य को सक्रिय कर रहे हैं, जिससे मरीजों में खून के थक्के बन सकते हैं। ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के प्रोफेसर जॉन गिबिंस का कहना है कि अब तक हमारे पास केवल इस बारे में धारणाएं थीं कि कोरोना संक्रमण के दौरान थक्के में शामिल प्लेटलेट्स को सक्रिय क्यों किया जा रहा था। एंटीबॉडी, जो कोरोना से संक्रमित कोशिकाओं को फैलने से रोकने के लिए बनती होती हैं, वही थक्के का कारण बनती हैं। वहीं इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया है कि विभिन्न दवाओं से सक्रिय अवयवों का इलाज करके प्लेटलेट्स को इस तरह से प्रतिक्रिया करने से रोक पाना या कम करना संभव है। प्लेटलेट्स रक्त में पाई जाने वाली छोटी कोशिकाएं होती हैं जो रक्तस्राव को रोकने के लिए थक्के बनाती हैं, लेकिन असामान्य प्लेटलेट्स फंक्शन से गंभीर स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं हो सकती हैं, जैसे स्ट्रोक और दिल का दौरा।

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