उत्तराखंड के पूर्णागिरि मेले में श्रद्धालुओं की आस्था से रौनक लौटी

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हल्द्वानी। अनीता रावत
उत्तराखंड के पूर्णागिरि परिसर में शारदीय नवरात्र के पहले दिन श्रद्धालुओं की आस्था ने पुरानी रौनक वापस लौटा दी। श्रद्धालुओं का सैलाब देख पुजारियों और व्यापारियों के चेहरे खिल उठे।

उम्मीद जताई जा रही है कि अगले दो-तीन दिनों में में श्रद्धालुओं की संख्या में और बढ़ोतरी होगी। इस दौरान सीओ अविनाश वर्मा ने सुबह भैरव मंदिर तक जाकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने पुलिस कर्मियों से पल-पल की अपडेट देने को कहा। इसके अलावा कोतवाल हरपाल सिंह ने भी अपने स्तर से सुरक्षा परखी। मुख्य मंदिर पर ठुलीगाड़ चौकी प्रभारी देवेंद्र मनराल पुलिस सुरक्षा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मेला मजिस्ट्रेट/एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने भी दोपहर बाद हालातों की समीक्षा की।
साल 2020 में कोरोना संक्रमण के कहर ने पूर्णागिरि आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था में खलल डाल दिया। पहले मुख्य मेला संक्रमण के कारण कोरोना की भेंट चढ़ा, इसके बाद शारदीय नवरात्र भी सूने रहे। इस साल भी कोरोना के कारण मुख्य मेला रद हो गया था। लेकिन इस नवरात्र कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद श्रद्धालुओं का माता के दर्शन के लिए हुजूम उमड़ पड़ा है। प्रशासन को भी ऐसे मेले की उम्मीद कतई नहीं थी और न ही इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। टनकपुर बाजार से लेकर पूर्णागिरि मंदिर परिसर तक गुरुवार को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। नेपाल से भी भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन को पहुंचे। यूपी, पंजाब, दिल्ली, बिहार समेत तमाम राज्यों से पूर्णागिरि दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं ने ब्रह्मदेव स्थित सिद्धबाबा के दर्शन कर यात्रा पूर्ण की। शारदा बैराज सीमा पर श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। अधिकतर श्रद्धालु टैक्सी न मिलने के कारण पैदल ही मंदिर तक पहुंचे। उधर, भाजपा अनुसूचित मोर्चा जिला अध्यक्ष मदन राम ने टैक्सी यूनियन पर चालकों से अवैध वसूली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक टैक्सी चालक से अवैध रूप से 500 रूपये लिए जा रहे हैं। अवैध वसूली नहीं रुकी तो वह प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठेंगे। उन्होंने ओवर लोडिंग पर भी शिकंजा कसने की मांग की है।

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