Antarctica's allure is also afflicted by the climate crisis.

अंटार्कटिका का आकर्षण भी जलवायु संकट से त्रस्त

अंतरराष्ट्रीय

लंदन। अंटार्कटिका के एक हिस्से में एंपेरर (सम्राट) पेंग्विन की आबादी पहले की तुलना में कहीं तेजी से घट रही है, यह खुलासा हाल ही में जारी एक उपग्रह चित्रण विश्लेषण से हुआ है। 2009 से 2024 के बीच लिए गए उपग्रह चित्रों के आधार पर वैज्ञानिकों ने 16 पेंग्विन कॉलोनियों का विश्लेषण किया। इसमें पता चला कि कि इस अवधि में उनकी कुल संख्या में 22% की गिरावट आई है। इसके पीछे मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन माना गया है, जो अंटार्कटिका में समुद्री बर्फ की उपलब्धता को लगातार घटा रहा है। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे से जुड़े वैज्ञानिक पीटर फ्रेटवेल के अनुसार, ‘सम्राट पेंग्विनके लिए समुद्री बर्फ बेहद जरूरी है, क्योंकि वे इसी पर अंडे देते हैं और यहीं से भोजन जुटाते हैं।’ फ्रेटवेल ने कहा, ‘समंदर का बढ़ता तापमान बारिश के पैटर्न में बदलाव ला रहा है। इससे पेंगुइन के बच्चों के विकास पर भी असर हो सकता है।’ पहले वैज्ञानिकों का अनुमान था कि पिछले 15 वर्षों में पूरी अंटार्कटिक क्षेत्र में सम्राट पेंग्विन की संख्या लगभग 10% घटी है। लेकिन नया विश्लेषण जो अंटार्कटिक प्रायद्वीप, वेडेल सागर और बेलिंगहाउजन सागर पर किया गया उसमें उससे ज्यादा गिरावट की बात सामने आई। वैज्ञानिकों का कहना है कि पूरे महाद्वीप में यही रुझान है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। फिर भी यह अध्ययन जलवायु संकट के बढ़ते प्रभाव का गंभीर संकेत है। सम्राट पेंगुइन सभी जीवित पेंगुइन प्रजातियों में सबसे लंबा और भारी है। नर और मादा पंख और आकार समान होते हैं, लंबाई में 100 सेमी तक पहुंचते हैं और वजन 22 से 45 किलोग्राम तक होता है।

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