रेलवे स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुरक्षा

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नई दिल्ली। नीलू सिंह
अब ट्रेन पकड़ने के लिए 20 मिनट पहले रेलवे स्टेशन पहुंचना जरूरी होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अब रेलवे स्टेशनों पर भी हवाईअड्डों की ही तरह ही व्यवस्था हो रही है। इसके तहत सुरक्षा जांच और ट्रेनों खुलने के तय समय से कुछ समय पहले प्लेटफार्म पर प्रवेश की अनुमति बंद करने की योजना है। यह नियम लागू होते ही यात्रियों को सुरक्षा जांच की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 15 से 20 मिनट पहले प्लेटफार्म पर पहुंचना होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उच्च तकनीक वाली इस सुरक्षा योजना को कुंभ मेला के मद्देनजर इलाहाबाद में और कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन पर इस माह शुरू कर दिया जाएगा। कुंभ के दौरान इलाहाबाद जंक्शन स्टेशन परिसर के अंदर और बाहर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी। इलाहाबाद जंक्शन सहित अन्य स्टेशनों पर 450 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत देश के 202 रेलवे स्टेशनों पर योजना को लागू करने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है। योजना के तहत रेलवे स्टेशनों के लिए प्रवेश बिंदुओं की पहचान कर और उन्हें बंद करने की तैयारी चल रही है। कुछ इलाके हैं जिन्हें स्थायी सीमा दीवारें बनाकर बंद कर दिया जाएगा। जहां संभव नहीं होगा वहां आरपीएफ कर्मियों की तैनाती होगी। उसके बाद बचे बिंदुओं पर बंद हो सकने वाले गेट होंगे। बताया जा रहा है कि 2018 में दिल्ली पुलिस के सुरक्षा ऑडिट में दिल्ली के प्रमुख स्टेशन नई दिल्ली, दिल्ली, आनंद विहार और हजरत निजामुद्दीन की सुरक्षा में काफी कमियां पाई गईं थी। मेटल डिटेक्टर के अलावा कई ऐसे मार्ग हैं जिनसे बिना किसी जांच के प्रवेश किया जा सकता है।
इस संबंध में रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि प्रत्येक प्रवेश बिंदु पर आकस्मिक सुरक्षा जांच होगी। हवाईअड्डों की तरह यात्रियों को घंटों पहले आने की जरूरत नहीं होगी बल्कि प्रस्थान समय से केवल 15-20 मिनट पहले आना होगा, ताकि यह सुनश्चिति हो सके कि सुरक्षा प्रक्रिया के कारण देरी न हो। उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशनों पर 2016 में इंटेग्रेटेड सक्यिूरिटी सस्टिम आरंभ किया गया था। इसके तहत बड़े स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे, बैगेज स्क्रीनिंग सस्टिम, बम निरोधक प्रणाली लगाई जा रही है। आईएसएस प्रोजेक्ट के लिए 385 करोड़ का प्रावधान किया गया था।