नई दिल्ली] देव कुमार। अहमदबाद में एयर इंडिया के विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (एआई 171) हादसे में मारे गए लोगों की पहचान के लिए डीनए जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि जांच के आधार पर छह लोगों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
अहमदाबाद पुलिस के इंस्पेक्टर चिराग रसोई ने बताया कि हादसे के बाद सिविल अस्पताल पहुंचे 265 शवों में से छह शवों की पहचान हो गई है। अन्य शव जो पूरी तरह से जल गए हैं उनकी पहचान डीएनए जांच के जरिए होगी जिसे पूरा होने में 72 घंटे का समय लगेगा। डीएनए जांच की प्रक्रिया जारी है। हादसे में मारे गए लोगों के परिवारीजनों में से 215 लोगों ने पुलिस से संपर्क साधा है। सभी लोगों को डीएनए सैंपल देने के लिए बीजे मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। डीएनए मिलान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शवों को सौंपा जाएगा। देसाई ने बताया कि अधिकतर शव बुरी तरह से जल गए हैं ऐसे में उनकी पहचान देखने भर से संभव नहीं है। बीजे मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने बताया कि हादसे में मारे गए मेडिकल छात्रों में से चार के शव उनके परिवारीजनों को सौंप दिए गए हैं। 30 घायल मेडिकल छात्र अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं जिनमें चार की हालत गंभीर बनी हुई है। विमान का ब्लैक बॉक्स शुक्रवार को बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास की छत से बरामद कर लिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि ब्लैक बॉक्स बरामद किए जाने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने पूरी क्षमता के साथ मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है। राज्य सरकार की तरफ से 40 कर्मचारी एएआईबी को मुहैया कराए गए हैं। मालूम हो कि ब्लैक बॉक्स को डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) कहते हैं। मालूम हो ब्लैक बॉक्स एक छोटा उपकरण होता है जो उड़ान के दौरान विमान से जुड़ी सभी जानकारी रिकॉर्ड करता है।
पटना की केबिन क्रू मनीषा के परिवार सदमे में : अहमदाबाद में विमान हादसे में पटना की रहने वाली एयर इंडिया की केबिन क्रू मनीषा थापा की भी मौत हो गई। वह पिता राजू थापा और लक्ष्मी थापा की इकलौती बेटी थी। उसका एक बड़ा भाई भी है। उसके चाचा बबलू थापा और गुड्डू थापा बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस में हवलदार हैं। मनीषा का पूरा परिवार बीसैप ग्राउंड से कुछ दूरी पर जगदेव पथ इलाके में श्यामा अपार्टमेंट के पास रहता है। जैसे ही विमान हादसे की सूचना मिली परिजन पटना एयरपोर्ट से अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। घटना के बाद मनीषा को जानने वालों में शोक की लहर दौड़ गई। इतनी कम उम्र में हादसे की शिकार बनी मनीषा से परिवार और उसके कॉलेज प्रबंधन को कई अपेक्षाएं थीं। संस्थान से मिली सूचना के अनुसार मनीषा ने संत जेवियर्स कॉलेज मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी पटना से पढ़ाई पूरी करने के बाद ग्राउंड स्टॉफ से केबिन क्रू तक का सफर पूरा किया। पहले उसने इंडिगो में ग्राउंड स्टाफ की नौकरी शुरू की फिर आकासा एयरलाइंस में कुछ दिन तक केबिन क्रू के रूप में काम करने के बाद एयर इंडिया में नौकरी शुरू की। वह लंदन और ऑस्ट्रेलिया के एयर इंडिया के विमानों में ड्यूटी करती रही थी। 12 जून को भी वह हर दिन की तरह विमान में केबिन क्रू के रूप में ड्यूटी शुरू की, लेकिन विमान के हादसे में उसकी जान चली गई। मनीषा थापा पटना के संत जेवियर्स कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी की बीबीई बैच 2014-17 की छात्रा थी। वह वर्ष 2016 से 17 तक क्लास रिप्रजेंटेटिव भी रही थी। संस्थान के छात्रों ने बताया कि वह काफी मेधावी, ऊर्जावान और मिलनसार थी। जेवियर्स एलुमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन कुमार ने बताया मनीषा के निधन से हर कोई मर्माहत है। शनिवार को संस्थान में मनीषा की आत्मा की शांति के प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा। रंजन ने कहा कि इस दुख की घड़ी में हम सब पूर्ववर्ती छात्रा मनीषा के परिवार के साथ हैं।
