मेडिकल में पिछड़ा वर्ग को 27 और कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण

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नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
मेडिकल दाखिले में आरक्षण तय हो गया है। मेडिकल के ऑल इंडिया कोटे में एससी, एसटी कोटे के साथ 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण तथा 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण भी लागू होगा। यह व्यवस्था इसी सत्र से लागू किया जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओ से दी गई है। ईडब्लयूएस आरक्षण 2019 से शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक यह लागू नहीं हुआ था।
अभी तक ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) में एससी-15 फीसदी, एसटी-7.5 फीसदी, पीडब्लयूडी-5 फीसदी को आरक्षण मिल रहा था। लेकिन नए सत्र 2021-22 से एससी-15 फीसदी, एसटी-7.5 फीसदी, पीडब्ल्यूडी- 5फीसदी, ओबीसी-27 फीसदी, ईडब्ल्यूएस-10 फीसदी आरक्षण होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कुल 5550 मेडिकल छात्र इस फैसले से लाभान्वित होंगे। इनमें एमबीबीएस में हर साल 1500, एमडी में 2000 ओबीसी छात्र जबकि ईडब्ल्यूएस आरक्षण से एमबीबीएस में 550 तथा एमडी में 1000 छात्रों को लाभ पहुंचेगा। इसके अलावा कुछ बीडीएस और एमडीएस छात्रों को भी फायदा होगा। मेडिकल में एडमिशन की ऑल इंडिया कोटे की सीटों में ओबीसी को आरक्षण की देने की मांग काफी पहले से की जा रही थी। इस सिलसिले में केंद्रीय श्रम एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय स्टील मंत्री आरसीपी सिंह के नेतृत्व में अनुप्रिया पटेल एवं अन्य ओबीसी सांसदों और मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इन केंद्रीय मंत्रियों ने सरकार का ध्यान आरक्षण की विसंगति की तरफ खींचा था। गौरतलब है कि मद्रास हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में मेडिकल के ऑल इंडिया कोटे (एआईक्यू) में ओबीसी आरक्षण लागू करने को लेकर केंद्र सरकार से तत्काल कदम उठाने को कहा था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्रालयों को इस बारे में निर्देश दिए थे। बता दें कि मौजूदा समय में राज्य सरकारों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 15 फीसदी एडमिशन ऑल इंडिया कोटे के तहत होते हैं। जबकि पीजी में 50 फीसदी सीटें ऑल इंडिया कोटे से भरी जाती हैं। बाकी सीटें राज्य सरकारें भरती हैं। राज्य सरकारें तो अपने हिस्से के कोटे में सभी प्रकार के आरक्षण लागू कर रही हैं। लेकिन केंद्रीय कोटे की सीटों में सिर्फ एससी और एसटी आरक्षण ही लागू किया गया था।

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