एंटवर्प। लगातार चार मैच में हार से आहत भारतीय पुरुष हॉकी टीम को अगर खिताब की उम्मीदों को बनाए रखना है तो उसे ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम के खिलाफ शनिवार को एफआईएच प्रो लीग मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। टूर्नामेंट का यूरोपीय चरण टीम के लिए निराशाजनक रहा। उसे एम्सटेलवीन में ओलंपिक चैंपियन नीदरलैंड्स से 1-2 और 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद अर्जेंटीना के खिलाफ भी टीम दोनों मैच हार गई।
भारत अभी 12 मैचों में 15 अंक लेकर पांचवें स्थान पर है। उसे महत्वपूर्ण अंक जुटाने और शीर्ष तीन में जगह बनाने की दौड़ में बने रहने के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मजबूती से वापसी करनी होगी। भारत को अब किसी भी तरह की गलती से बचना होगा। जीत हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगानी होगी। भारत ने पेरिस ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को हराया था और टीम उस मैच से प्रेरणा लेने की कोशिश करेगी। टीम अपने यूरोपीय चरण का समापन 21 और 22 जून को बेल्जियम के खिलाफ दो मैचों के साथ करेगी।
उंगली में चोट के कारण अर्जेंटीना के खिलाफ नहीं खेल पाने वाले कप्तान हरमनप्रीत सिंह अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी। इससे न सिर्फ हमें महत्वपूर्ण अंक हासिल करने में मदद मिलेगी, बल्कि टीम को जीत की लय भी मिलेगी। नीदरलैंड्स के खिलाफ भारतीय टीम पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने के लिए संघर्ष करती रही। उसने अंतिम क्षणों में गोल भी खाए। अर्जेंटीना के खिलाफ भारतीय रक्षा पंक्ति का प्रदर्शन बेहद खराब रहा जिसके कारण टीम को पराजय झेलनी पड़ी। भारत को पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में भी संघर्ष करना पड़ा।
