ईडी के रडार पर यूपी के पूर्व मंत्री और अधिकारी

राष्ट्रीय

नई दिल्ली। ईडी ने यूपी खनन घोटाले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस प्रकरण में तत्कालिक खनन मंत्रियों , अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई हाईकोर्ट के आदेश पर हरीरपुर खनन घोटाले की जांच कर रही है। सीबीआई की ओर से दर्ज किए गए मुकदमे के आधार पर ही ईडी ने प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। एफआईआर में 2012 से 2016 के बीच प्रदेश सरकार के खनन मंत्रियों और अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। इसमें हमीरपुर की तत्कालीन डीएम बी. चंद्रकला और सपा एमएलसी रमेश मिश्र भी आरोपी बनाए गए हैं। ईडी ने बी. चंद्रकला को 24 और रमेश मिश्र को 28 जनवरी को पूछताछ के लिए तलब किया है। बताया जा रहा है कि ईडी यह पता लगाने का प्रयास करेगा कि भ्रष्टाचार के जरिए हासिल धन को कहां छिपाया गया। उसे कहीं विदेशों में ले जाकर निवेश तो नहीं किया गया? ईडी की जांच का दायरा घोटाले की अवधि में तत्कालीन सपा सरकार में खनन मंत्री रहे नेताओं तक भी पहुंच सकता है। इस दौरान खनन मंत्री की जिम्मेदारी कुछ महीनों तक तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास और उसके बाद ज्यादा समय तक गायत्री प्रसाद प्रजापति के पास रही।
इससे पहले अपनी प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के आधार पर सीबीआई ने जनवरी माह के पहले हफ्ते में ही 2008 बैच की आईएएस बी. चंद्रकला, हमीरपुर के तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, हमीरपुर के तत्कालीन खनन लिपिक राम आश्रय प्रजापति, खनन के लीज होल्डर एवं हमीरपुर के मौदहा निवासी रमेश मिश्र व दिनेश मिश्र, खनन के लीज होल्डर एवं हमीरपुर के कमोखर निवासी अंबिका तिवारी, खनन लीज होल्डर एवं हमीरपुर के सफीगंज निवासी संजय दीक्षित व सत्यदेव दीक्षित, खनन लीज होल्डर जालौन जिले के पिडारी निवासी राम अवतार सिंह, खनन लीज होल्डर जालौन जिले के गणेशगंज निवासी करन सिंह तथा लखनऊ व दिल्ली दोनों स्थानों के निवासी अवैध खनन से जुड़े आदिल खान को नामजद करते हुए अन्य अज्ञात निजी एवं सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

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